sunset nature लोगों से मुलाक़ातों के लम्हे याद रखती हूं
अल्फ़ाज़ भूल भी जाऊं तो लहज़ा याद रखती हूं।
जिन लोगों की नज़र मुझ पर पड़ती है,
उनके चेहरे भूल जाती हूं नज़रों के मतलब याद रखती हूं
मैं जमाने की परंपरा का पालन करती हूं
कि जिन कंधों पर बोझ डालती हूं, उन्हें ही याद रखती हूं।
मैं कड़वे शब्दों की खरोंचें भूल जाती हूं
लेकिन जो गहरे घाव देते है वो व्यवहार याद रखती हूं।
©सिंगर पुष्पा शर्मा
#लोगों से मुलाकात#