जब जो चाहों तब वो चीज़ मिलती नही! ज़िंदगी की प्रॉ | हिंदी Shayari

"जब जो चाहों तब वो चीज़ मिलती नही! ज़िंदगी की प्रॉब्लम कभी खत्म होती नही! जब किसी चीज़ की टेंशन जादा हो जाए तो रात भर तो जल्दी ये आँख सोती नहीं!l अपनों के बीच जुड़ावो जब इस कदर हो जाता है तो अपनों की याद जाती नहीं! मैंने तो यहीं देखा है आज भी घरों में माँ अपनें बच्चों से पहलें खाना खाती नहीं! ©abhishek sharma"

 जब जो चाहों तब वो चीज़ मिलती नही! 
ज़िंदगी की प्रॉब्लम कभी खत्म होती नही!

जब किसी चीज़ की टेंशन जादा हो जाए 
तो रात भर तो जल्दी ये आँख सोती नहीं!l

अपनों के बीच जुड़ावो जब इस कदर हो 
जाता है तो अपनों की याद जाती नहीं! 

मैंने तो यहीं देखा है आज भी घरों में माँ 
अपनें बच्चों से पहलें खाना खाती नहीं!

©abhishek sharma

जब जो चाहों तब वो चीज़ मिलती नही! ज़िंदगी की प्रॉब्लम कभी खत्म होती नही! जब किसी चीज़ की टेंशन जादा हो जाए तो रात भर तो जल्दी ये आँख सोती नहीं!l अपनों के बीच जुड़ावो जब इस कदर हो जाता है तो अपनों की याद जाती नहीं! मैंने तो यहीं देखा है आज भी घरों में माँ अपनें बच्चों से पहलें खाना खाती नहीं! ©abhishek sharma

#GuzartiZindagi

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