"वो जो होते खास हैं,
क्यों नहीं समझे जाते आज हैं।
होते उनके भी,
कुछ राज़ हैं।
फिक्र करने के उनके,
अपने ही अंदाज़ हैं।
लफ्ज़ नहीं हैं,
उनके पास,
अनोखे से अल्फ़ाज़ हैं।
वो जो होते खास हैं,
क्यों नहीं समझे जाते आज हैं।
होते उनके भी,
कुछ राज़ हैं।
©Gunja Agarwal
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