Unsplash ।। अनसुलझी कहानी - 2 ।।
किया इजहार प्रेम का वो हां नहीं कह पाए,
अनसुलझी ही रखनी हैं कहानी उन्हें, वो ना भी नहीं कह पाए।
बड़ी उलझनों में फंसे हुए है, वक्त की कमी हैं यारो,
हरपल यही सताएं।
बस इस गुजरते वक्त में कहीं वो न पछताए।
फिर भी कुछ सुलझ गई है कहानी यारो।
हम उन्हें राधा से रूक्मणी बनाना चाहे,
वो हैं कि राधा ही बनना चाहे।
राधा हमेशा साथ हैं, हर रूप में हमें स्वीकार हैं।
कहीं ऐसा न हो दोनों वक्त पे पहचान ही न पाए।
©Varun Mahera
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