काफी दूर तक नज़र गयी, बे-नकाब कोई नज़र नही आया... भ | हिंदी Shayari

"काफी दूर तक नज़र गयी, बे-नकाब कोई नज़र नही आया... भगवान भटक रहे थे इधर से उधर, कहीं कोई इंसान नज़र नही आया.... मनोज ✍️"

 काफी दूर तक नज़र गयी,
बे-नकाब कोई नज़र नही आया...

भगवान भटक रहे थे इधर से उधर,
कहीं कोई इंसान नज़र नही आया....

मनोज ✍️

काफी दूर तक नज़र गयी, बे-नकाब कोई नज़र नही आया... भगवान भटक रहे थे इधर से उधर, कहीं कोई इंसान नज़र नही आया.... मनोज ✍️

🤷‍♂️🤷‍♂️#मनोज ✍️ #Ezi_arts

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