वो दूर है मुझसे
फिर भी क्यों मुझमें दिखता है
वो खुश है मेरे बिना
भी कही
फिर क्यूं उसके बिन
मेरा ये मन दुखता है
केसे समझाऊं इस दिल को अब
की खुदसे ज्यादा मोहब्बत तुमने जो उसे
ये नतीजा उसी का है
उसने तो नही किया था कोई वादा
ज्यादा मोहब्बत का
हमने ही उम्मीद लगाई
इसमें कसूर उसका नहीं हमी का है
©Kanइश्का
#Parchhai