"लिखने को तो लिख दूं तुम पर पूरी जवानी मेरी
लेकिन उस पर क्या लिखूं जिस ने लिखी कहानी मेरी
जब तक साथ था तुम्हारा मेरी दुनिया ही अलग थी
छोड़कर गए हो जब से तुम बदल दी पूरी जिंदगानी मेरी
तुम साथ होते तो कुछ पाने का जज्बा ही अलग होता
अब जब तुम हो ही नहीं तो कौन देखेगा कामयाबी मेरी
©DKJaroriya
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