एक खुद्दार इंसान की पहचान
उसकी "खुद्दारी" से होती है
और ऐसा इंसान अपने रिश्तों को भी
पूरी ख़ुद्दारी से निभाता है
लेकिन जब खेल उसकी
ख़ुद्दारी से ही खेला जाए
तब वह व्यक्ति उस रिश्ते को छोड़ सकता है
लेकिन अपनी ख़ुद्दारी कभी नही...
©कृतान्त अनन्त नीरज...
#Winters #life