White अक़्सर कर गुज़रता हूँ दुखी ख़ुदको,
क्योंकि देखना चाहते है मेरे ख़ास वैसे मुझको,
भुल जाता हूँ मेरी कहानी मेरा छूटा वज़ूद,
और याद आता है वो डूबता सूरज मुझको।
माफ़ करना मुझे थोड़ा बदलना होगा,
ख़ो चुका हूँ बहुत पर आज सहजना होगा,
थोड़ा अजीब लगूंगा ज़रा ये करते,
ज़रा माफ़ करना मुझे ये सब स्वीकार करना होगा।
नज़र आता है मुझे उगता सूरज अब,
देखना चाहता हुँ मै आइना अब,
महसूस करना है मुझे बहती सरिता को,
बड़ी दूर से पास आना है अब।
देखना है दूर से सब साफ, साफ देखना है अब मुझको,
अक़्सर कर गुज़रता हूँ दुखी ख़ुदको,
क्योंकि देखना चाहते है मेरे ख़ास वैसे मुझको,
भुल जाता हूँ मेरी कहानी मेरा छूटा वज़ूद,
और याद आता है वो डूबता सूरज मुझको।
©Rãjpøôt BãÑä Ãkâsh
#GoodMorning