कभी बातें खत्म न होती थी हमारी
आज बात थी ही नही बात करने को
हेलो कैसे हैं बस इतना ही कहा था उसने
शायद सवाल थे ही नही सवाल करने को
हर एक लफ्ज़ के बाद लंबी ख़ामोशियाँ थी
शब्द मिल ही नही रहे थे एहसास कहने को
जी कर रहा था की यूँ ही सुनते रहे उम्रभर
और कुछ न बचे जीवन मे काम करने को
अचानक से बिन माँगे ही मिल गया था सब
लगा कुछ बचा ही नही फरियाद करने को
कभी बातें खत्म न होती थी हमारी
आज बात थी ही नही बात करने को
©अंकित कुमार
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