मैं नजर, निगाह, नियत सब साफ कर रहा हूं। जिनके | हिंदी Shayari

"मैं नजर, निगाह, नियत सब साफ कर रहा हूं। जिनके बिगड़े हैं , मैं उन्हें माफ कर रहा हूं। वो बोला तू कर दे चाहे माफ मैं ऊपर बैठकर इंसाफ कर रहा हूं। ©SHIVAM tomar "सागर""

 मैं नजर, निगाह, नियत 

सब साफ कर रहा हूं।



जिनके बिगड़े हैं , 

मैं उन्हें माफ कर रहा हूं।




वो बोला तू कर दे चाहे माफ 



 मैं ऊपर बैठकर  इंसाफ कर रहा हूं।

©SHIVAM tomar "सागर"

मैं नजर, निगाह, नियत सब साफ कर रहा हूं। जिनके बिगड़े हैं , मैं उन्हें माफ कर रहा हूं। वो बोला तू कर दे चाहे माफ मैं ऊपर बैठकर इंसाफ कर रहा हूं। ©SHIVAM tomar "सागर"

@Priya Gour @Ashutosh Mishra @pramodini Mohapatra @Mysterious Girl @Satyaprem Upadhyay

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