मैने एक सपना देखा
उस सपने में मैंने तुमको देखा
तुम सबके बीच में थे
और मैं किनारे खड़ी थी
तुम सबसे बातें कर रहे थे।
मैं चुप सी तुम्हे सुन रही थी।
तुम्हारी बातें मुझे अच्छी लग रही थी।
जब तुमने मेरा नाम पूछा मैं डर सी गई थी।
फिर तुमने अपना नाम बताया मैं सुन रही थी
तुमने कहा कुछ तो बोलिए मैंने कहा क्या
तुमने कहा नाम मैने बताया अपना नाम
मैने एक सपना देखा उस सपने में मैंने तुमको देखा
एक अधूरा सपना जो कभी मुकम्मल ना हुआ
सपने अधूरे ही अच्छे होते हैं।
कम से कम उनके अर्थ तो पूरे होते हैं।
©Jyoti