अनजानी राहों पर जो मैं चलुँ ,
तो मेरी मंजिल बनोगे क्या ??
थक जाऊँ अगर मैं कही,
तो दो कदम साथ चलोगे क्या??
पतंग सी जो कभी उड़ना चाहु ,
तो मेरी वो डोर बनोगे क्या ??
खो दूँ जो मैं खुद को कहीं,
तो मेरी तलाश करोगे क्या??
जीत कर भी मैं जो हार जाती हूँ,
तुम मेरी जीत का जश्न करोगे क्या??
बयाँ जो करूँ खुद को कभी,
मेरे लिए अल्फाज बनोगे क्या??
जिंदगी का तो पता नहीं ,
जब तक साँसें है मेरे रहोगे क्या ??
aarvi
#UnderTheStars kaho sath nibhaoge kya....??