सवालों से सब उलझे पड़े ध्यान रखें ना खुद के तन का | हिंदी कविता
"सवालों से सब उलझे पड़े
ध्यान रखें ना खुद के तन का कोय
भाग रहें पीछे पैसों के सब
ना खबर कब जागे कब सोय
दो पल रोटी खाने का भी वक्त नही
फिर कौन आकर रोटी पोय
आपस में ना बात करे
सब डूबें फ़ोन में खोय
@संदीप"
सवालों से सब उलझे पड़े
ध्यान रखें ना खुद के तन का कोय
भाग रहें पीछे पैसों के सब
ना खबर कब जागे कब सोय
दो पल रोटी खाने का भी वक्त नही
फिर कौन आकर रोटी पोय
आपस में ना बात करे
सब डूबें फ़ोन में खोय
@संदीप