तुमने कहा था –
तुमने कहा था तुम सब छोड़ आओगे
रोकने वाले सब रिश्ते तोड़ आओगे
मैं दरिया होकर भी प्यासा ही रहा
तुम बंजर होकर भी गुल खिलाओगे
कोशिश भी नहीं की पलटने की तुमने
कहते थे चांद तारे तोड़ लाओगे
मुझको बस एक किस्सा बना दिया
अब तुम नहीं कहानी बनाओगे
यादों को बैसाखी बनाकर रखेंगे
और तुम ख्वाबों में आकर सताओगे
कोशिश करना कि अब उसके ही रहो
एक ही बहाना कब तक बनाओगे
मेरे इश्क पर मुझे इतना यकीन है
मुझे याद करके तुम आंसु बहाओगे
लोग पूछेंगे कि तुम्हारा मर्ज क्या है
तुम मेरी तरफ नजर घुमाओगे
©Srivastava Rajti
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