नृत्य केवल एक कला नही है, आत्मा की पुकार है, भाव | हिंदी Poetry

"नृत्य केवल एक कला नही है, आत्मा की पुकार है, भाव है, भावना है। ये एक ऐसी कला है जिसमे, संस्कृति का सागर है। छिपी जिसमे अनेक गाथा है।। ©Heer"

 नृत्य केवल एक कला नही है,

आत्मा की पुकार है,

भाव है, भावना है। 

ये एक ऐसी कला है जिसमे,

संस्कृति का सागर है। 

छिपी जिसमे अनेक गाथा है।।

©Heer

नृत्य केवल एक कला नही है, आत्मा की पुकार है, भाव है, भावना है। ये एक ऐसी कला है जिसमे, संस्कृति का सागर है। छिपी जिसमे अनेक गाथा है।। ©Heer

नृत्य - रोम रोम से निकाला संगीत है। hindi poetry on life poetry poetry lovers

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