सख़्त हाथों से भी छूट जाती हैं कभी उंगलियाँ रिश्ते ज़ोर से नहीं तमीज़ से थामे जाते हैं। सख़्त हाथों से भी छूट जाती हैं कभी उंगलियाँ रिश्ते ज़ोर से नहीं तमीज़ से थामे जाते हैं। Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto