ऐ हिंद ,ऐ हिंदुस्तान
है हिंद यहां की भाषा।
जहां रहते एक ही प्रकृति के लोग,
वहीं भारत सोने की चिड़िया कहलाता।।
है गुलजार यहां की भूमि,
सुगंध भरी कण कण में।
रूप बसंत है यहां की हवाएं, जो ले जाए स्वर्णिम युग में।l
जो सतयुग हम भूल गए, क्यों ना उसे हम फिर दोहराएं। नेहरू, बोस और गांधी जी के रामराज को वापस लाएं।।
एक राज्य, एक राजा, एक एक जाति ,धर्म मिलकर एक हिंदुस्तान बनाएं।।
ए हिन्द ए भारतीय तू खुद में ही सम्राट है।
अगर यह सोच ले सब तो ,सबके सर पर एक ताज है।।
ऐ हिंद ऐ हिंदुस्तान यह मेरी आवाज है।
बन जाए एक हम यह मेरी रियाज है।।
मैं ही भारत मैं ही भारतीय यह सोच के आगाज है।।
जय हिन्द जय भारत
©Shalini
mai hi Bharat mai hi भारतीय