कि वक्त जाया न कर मेरे किरदार को पहचानने में । तू | हिंदी कविता
"कि वक्त जाया न कर मेरे किरदार को पहचानने में ।
तू खुद एक क कहानी बन जाएगी,
मेरी हकीकत जानने में।
और चल दिए बेपरवाह देखने,
गहराई मेरे दर्द की।
इतना गहरा हूं की जमाना निकल जाएगा,
मेरी गहराई नापने में ।"
कि वक्त जाया न कर मेरे किरदार को पहचानने में ।
तू खुद एक क कहानी बन जाएगी,
मेरी हकीकत जानने में।
और चल दिए बेपरवाह देखने,
गहराई मेरे दर्द की।
इतना गहरा हूं की जमाना निकल जाएगा,
मेरी गहराई नापने में ।