ह्रदय मे कान्हा नजर मे कान्हा
ज़ुबाँ पे भी हर पहर है कान्हा,
न सिर्फ मंदिर न सिर्फ मूरत
जहां प्रेम है वहाँ है कान्हा,
है मीरा की प्रार्थना मे कान्हा
और राधा की धड़कनो मे कान्हा
है गोपिकाओं का प्रेम कान्हा
और ग्वालवालों का मित्र कान्हा
वो गाय वन मे चराने वाला
श्री मुख मे दुनिया दिखाने वाला
जो ओखली से बंधे वो कान्हा
और ज्ञान गीता का दे वो कान्हा
ह्रदय मे कान्हा नजर मे कान्हा
ज़ुबाँ पे भी हर पहर है कान्हा,
©Sanchit bhatt
#janmashtami