"तू मेरी जिंदगी
पर पास नही है !
तू मेरा गुरुर
पर साथ नही !
कैसे समझाऊं खुद को कि सब कुछ जानते हुए भी!
कि कुछ भी कर लू मैं , फिर भी तुझको पा सकूं वो लकीरे मेरे हाथ में नही है।।"
तू मेरी जिंदगी
पर पास नही है !
तू मेरा गुरुर
पर साथ नही !
कैसे समझाऊं खुद को कि सब कुछ जानते हुए भी!
कि कुछ भी कर लू मैं , फिर भी तुझको पा सकूं वो लकीरे मेरे हाथ में नही है।।