मुद्दतो से करता रहा में मै इंतज़ार उसका,
इस जन्म में भी ना उससे मोहब्बत मिल पाई ,
ना जाने कौन से गुनाह की सजा मिल रही,
या खुदा ने छोड़ दी अपनी खुदाई,
मेरे जेहन में अब दर्द के सिवा कुछ भी नही है,
छलक रहे है आंसू ना मिल रही है दवाई,
उससे कह दो कि बस एक बात आकर मिल ले मुझसे,
मेरी रूह को करदे आज़ाद जो सिर्फ उसमे है समाई।
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©Vinay Rajput
#रूह #SAD
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