फुल जो आखिर टूट ही गया
कलियों से वास्ता छूट ही गया...
बड़ी बेपरवाही थी उसमे खिलते से भूल गया कि एक दिन गिरना भी होगा....
हवाओं से लड़ता तो कभी रोशनी समेटता,न जाने कितने मौसमों की धुप पी थी उसने और धूपों को रस बना तितलियों को परोसा था,
बेखबर था ना.... कि वो एक दिन गिरेगा...
और शायद ऐसा गिरेगा कि कोई कली,कोई झोका उसे नही थामेगा,
दगा कर जाएंगी जड़े भी उस से की मुँह फेर लेंगी शाखें भी,
बड़ा महकाया गुलज़ार को उसने पुरी शिद्दत से
मगर क्या करें फूल जो था टूटना था
टूट ही गया
#SAD #sad_poetry #phool #tutna #phooljotuthigya
#batein
#CapableEnough