White मजहब के नाम पर, ये बैर भाव छोड़ दो। क्यूंकि | हिंदी Shayari

"White मजहब के नाम पर, ये बैर भाव छोड़ दो। क्यूंकि मजहब नही सिखाता,आपस में बैर रखना। लोकतंत्र और आजादी की अब तो कीमत समझो। आजादी का भाव हमें,उच्छृंखलता नही सिखाता।। ©Rimpi chaube"

 White 
मजहब के नाम पर, ये बैर भाव छोड़ दो।
क्यूंकि मजहब नही सिखाता,आपस में बैर रखना।
लोकतंत्र और आजादी की अब तो कीमत समझो।
आजादी का भाव हमें,उच्छृंखलता नही सिखाता।।

©Rimpi chaube

White मजहब के नाम पर, ये बैर भाव छोड़ दो। क्यूंकि मजहब नही सिखाता,आपस में बैर रखना। लोकतंत्र और आजादी की अब तो कीमत समझो। आजादी का भाव हमें,उच्छृंखलता नही सिखाता।। ©Rimpi chaube

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मजहब के नाम पर, ये बैर भाव छोड़ दो।
क्यूंकि मजहब नही सिखाता,आपस में बैर रखना।
लोकतंत्र और आजादी की अब तो कीमत समझो।
आजादी का भाव हमें,उच्छृंखलता नही सिखाता।। hindi shayari shayar shayari on life motivational shayari shayari status

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