Path नया नाता है इन राहों से,
कुदरत की लंबी बाहों से
रंग हजारों देखे हैं
चारों ओर घूमती निगाहों से ।
उगता सूरज नभ को लाली दे
वन वृक्षों को खुशहाली दे
तम से भरे विचारों को
प्रकाश -मयी हरियाली दे।
उठूं ,चल दूं मंजिल की ओर
अंतर्मन की रखवाली से
नया नाता है इन राहों से
कुदरत की प्यार भारी बाहों से।
शैरी शर्मा✍️
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