"चाय की चुस्कियां लेते हुए यह खयाल आया
तू भी अपना घर बसा रही होगी
किसी ना किसी के लिए
तू भी तो चाय बना रही होगी
मेरे घर को तबाह करके
तू अपनी जन्नत सजा रही होगी"
चाय की चुस्कियां लेते हुए यह खयाल आया
तू भी अपना घर बसा रही होगी
किसी ना किसी के लिए
तू भी तो चाय बना रही होगी
मेरे घर को तबाह करके
तू अपनी जन्नत सजा रही होगी