चारों ओर हाहाकार मचा है
बैचैन है वो किनारे जिसका घर बना हैं
कल तक सुकून मे थे जिसकी आड़ में,
उसके डूब जाने पर आज मातम मना है
हमारे आंसु पोछने की अफवाह फैलेगी देखना,
डूब रही जो झोपड़ी ये,इसी से किसी का महल खड़ा है l
🖋️ नीलेश सिंह
पटना विश्वविद्यालय
©Nilesh
#bihar_flood