White इश्क़ और ये वीरानियों को मैं यूँ ही छोड़ जाऊ | हिंदी शायरी

"White इश्क़ और ये वीरानियों को मैं यूँ ही छोड़ जाऊँगा, चाहता हूँ बहकते हुए मैं कुछ शायरी छोड़ जाऊँगा। कौन किसको याद करके अफ़सोस करता है, मैं यादों में कुछ ताज़ा ग़ज़ल छोड़ जाऊँगा। दर्द की बारिशों में भीगते हुए सफ़र तय किया, हर ख़ुशी का क़र्ज़ चुकाकर दिल अपना दे जाऊँगा। गुमनाम राहों पर कोई नाम मेरा पुकारेगा, मैं वक़्त की धुंध में अपनी पहचान छोड़ जाऊँगा। चाहतों का हर अल्फ़ाज़ मेरी किताब में मिलेगा, कुछ ख़्वाब अधूरे, अधूरी सी बात छोड़ जाऊँगा। जो न समझ सका आज, शायद कल समझ पाए, हर सन्नाटे में अपनी आवाज़ छोड़ जाऊँगा। ©theABHAYSINGH_BIPIN"

 White इश्क़ और ये वीरानियों को मैं यूँ ही छोड़ जाऊँगा,
चाहता हूँ बहकते हुए मैं कुछ शायरी छोड़ जाऊँगा।
कौन किसको याद करके अफ़सोस करता है,
मैं यादों में कुछ ताज़ा ग़ज़ल छोड़ जाऊँगा।

दर्द की बारिशों में भीगते हुए सफ़र तय किया,
हर ख़ुशी का क़र्ज़ चुकाकर दिल अपना दे जाऊँगा।
गुमनाम राहों पर कोई नाम मेरा पुकारेगा,
मैं वक़्त की धुंध में अपनी पहचान छोड़ जाऊँगा।

चाहतों का हर अल्फ़ाज़ मेरी किताब में मिलेगा,
कुछ ख़्वाब अधूरे, अधूरी सी बात छोड़ जाऊँगा।
जो न समझ सका आज, शायद कल समझ पाए,
हर सन्नाटे में अपनी आवाज़ छोड़ जाऊँगा।

©theABHAYSINGH_BIPIN

White इश्क़ और ये वीरानियों को मैं यूँ ही छोड़ जाऊँगा, चाहता हूँ बहकते हुए मैं कुछ शायरी छोड़ जाऊँगा। कौन किसको याद करके अफ़सोस करता है, मैं यादों में कुछ ताज़ा ग़ज़ल छोड़ जाऊँगा। दर्द की बारिशों में भीगते हुए सफ़र तय किया, हर ख़ुशी का क़र्ज़ चुकाकर दिल अपना दे जाऊँगा। गुमनाम राहों पर कोई नाम मेरा पुकारेगा, मैं वक़्त की धुंध में अपनी पहचान छोड़ जाऊँगा। चाहतों का हर अल्फ़ाज़ मेरी किताब में मिलेगा, कुछ ख़्वाब अधूरे, अधूरी सी बात छोड़ जाऊँगा। जो न समझ सका आज, शायद कल समझ पाए, हर सन्नाटे में अपनी आवाज़ छोड़ जाऊँगा। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#Sad_Status

इश्क़ और ये वीरानियों को मैं यूँ ही छोड़ जाऊँगा,
चाहता हूँ बहकते हुए मैं कुछ शायरी छोड़ जाऊँगा।
कौन किसको याद करके अफ़सोस करता है,
मैं यादों में कुछ ताज़ा ग़ज़ल छोड़ जाऊँगा।

दर्द की बारिशों में भीगते हुए सफ़र तय किया,

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