"सफलता
कामयाबी का मंज़र
कुछ ऐसा हो
जो तुम साथ तो
फिर भय मुझको को कैसा हो
लड़खड़ाए जो क़दम
तो हाथ मेरा थाम लेना तुम
टूट नहीं सकता मैं
ऐसा हौसला मुझे देना तुम
निराशा में भी आशा
दे जाने वाली आश हो तुम
ज़िन्दगी के हर मुक़ाम को पा लूं
मेरी सफलता की प्यास
हो तुम
_पवन"