पलकों में कैद कुछ सपने हैं कुछ बैगाने और कुछ अपने | हिंदी Shayari Vide

"पलकों में कैद कुछ सपने हैं कुछ बैगाने और कुछ अपने हैं! ना जाने क्या कशिश है इन ख्यालों में कुछ लोग हमसे दूर होकर भी कितने अपने हैं! ©Saurabh "

पलकों में कैद कुछ सपने हैं कुछ बैगाने और कुछ अपने हैं! ना जाने क्या कशिश है इन ख्यालों में कुछ लोग हमसे दूर होकर भी कितने अपने हैं! ©Saurabh

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