खिजा तो नही आने थे इश्क़ के गुलशनो में,,
तुममें हमारी मोहब्बत बसी है रगों रगों मे,,
तुम और तुम्हारी यादें मुझे रुलाती हैं इन
रातों में,,
तुम मुझे आज भी चाहती हो ये महसूस होता है
तेरी बातों में।।
मैं शिव तूँ शक्ति की उपासक
बुग्गू मेरे❤️❤️
©Rahul pateriya
तुम्हे पा चुका हूं यकीन न हो तो आँखों में मेरी देख,,
ये आसूं तेरे ही नाम के बस तूँ गले लग के देख।।