बात उन दिनों की है जब हम एक दुसरे में खुद को ढूंढा करते थे
बिना कुछ कहे ही हर बात समझ जाया करते थे ।
छूटते नहीं थे साथ वो एहसास हमारे अदिग थे
पन्नो में लफ़्ज़ों को उतार उसको हम निहारा करते थे ।।
कोई भी गिले सिकवे शिकायत हो अगर उनको कभी
रूठ कर बैठ गए अगर तो हम मना लिया करते थे ।
मैनें कुछ कहना चाहा जब भी उनसे मगर
मेरे आँखों के जज्बात मुझसे पहले समझ लिया करते थे ।।
©Gaurav Prateek
#Maine #Kuch #kehna #chaha #Magar