White डियर दिसंबर
जो कभी तेरे आने पे अदावत करता था
अब ये दिल तेरे होने की इबादत करता है
कल तक तेरे ठहर जाने पे थी रंजिश
अब कुछ पल तो थम जा की ख्वाहिश
बावरा मन जाने क्यूं तेरी हसरत करता है
जो ख्वाब -ए - खाक हुए, तुने नए सपने संजोए
जो आईना बन जिंदगी का खुद से खुद को रुबरु करवाए
नई उम्मीदो नई सपनो की तु ही तो इनायत करता है
ढल रहा खूद फिर जाने क्यूं हादसो का इलजाम रखता है
तेरे गुजरने कि गुजारिश अब बेमानी सी लगती है
कि तुझसे जुड़ी जिंदगी की हर कहानी लगती है
कि इस बार अलविदा नही कहेंगे
अगले साल हम फिर बेहिसाब मिलेंगे
©honey
# दिसंबर