क्या तुम भी चाहते हो.
सपने अपने सभी
साकार हो जाएँ.
मिट जाएँ जुल़्मों की कहानियां
कोई अब आततायी ना आ पाएँ. हमारी जिन्दी बस्ती में
तो चलो फिर तान लो मुठ्ठियां
जोश के साथ.
बोल दो इँकलाब का नारा. बदलाव लाने का करो पक्का इरादा
सारे जहाँ में प्यारा हो हिन्दोंस्तान हमारा
जगदीश निराला
©जगदीश निराला Jagdish Nirala
#kinaara बदलाव जरूरी है