Unsplash निराशा न होना अगर मैं सदा के लिए सो जाऊं
निराश ना होना जो मैं इतनी दूर हो जाऊं की ना हो जिस्म ना हो कोई वजूद
ना होना निराश मुझ से जो मैं खुदा के कदमों में समा जाऊं
ये है वादा मेरा तुमसे रहूं जहां भी, रहोगी तुम ही इस दिल में
चाहे रहे रूह इस जिस्म में यां ना रहे इस तन में
©Dr Supreet Singh
#निराश_ना_होना_मैं_सदा_साथ