बाज़ार में खाने-पीने की बहुत सी वस्तुएं है और वह भी ब्रैंडेड, मगर उनकी करनी और कथनी में बहुत फ़र्क है, ज़्यादातर उत्पाद का विज्ञापन लोकलुभावन ही होता है, उत्पाद पर लिखा होता है कि उस उत्पाद में क्या-क्या है, मगर होता उसके विपरीत ही है, तो यह ग़लती आख़िर किस की है ? वैसे यह ग़लती उस ब्रेंड की नही हमारे ब्रेन की है जिसे पढ़ने का हुनर हर उत्पादनकर्ता के पास है, मगर हमारे ब्रेन तो विज्ञापन ने कंट्रोल में है, इसलिए हमारे पास ब्रेन तो है मगर उसका गेन (Gain - फ़ायदा), विज्ञापन और उत्पादनकर्ता के पास।
©अदनासा-
#हिंदी #विचार #विज्ञापन #Creativity #उत्पाद #Brain #Instagram #Pinterest #Facebook #अदनासा