रुख हवा की तेरी और मुड़े
दिल तेरे दिल से ऐसे जुड़े
प्रेम प्यार की बारिश हो
मन ऐसे मेरा प्रफुल्लित हो
शमा के जैसे रौशन हो शाम
जुड़ जाये एक दूजे के नाम
महताब हो तुम,तुम ही मोहब्बत
चाह है तुम्हारी तुम ही सोहबत
काफ़िर हुए मन को ,नईं पहुँचाओ
तेरा साथ हो जिंदगी के आशियाने में
दिल को दिल से ऐसे मिलाओ
©Rani