White न किसी ख़्वाब न किसी नज़र में हूं
मैं अपने शौख ,अपने सफ़र में हूं
मैं हवा के झोकों तले बह रहा ,
मैं दरिया के पागल भंवर में हूं,
मैं रक्श कर रहा हूं चांदनी रातों में ,
मैं मुसाफिरों कि बस्ती उनके शहर में हूं
©Kavi Aditya Shukla
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