ये दोस्त ऐसी क्या नाराजगी थी ।
जो यू ही चला गया
और लाखों सवाल छोड़ गया।
तू परिंदा था अपने अमन चैन का
तो तुझे मैने कहा रोका था ।
खुश रहे तू मैने हमेशा यही सोचा था
ये दोस्त कोई बात थी तो कहकर देखा होता
यू तो न चला गया होता।
Kavya obray✍
©Adv. Anjana Ratna
#Dosti