यादें
स्मृति बनकर
शेष हो जायेंगी
गैलरी के खूबसूरत तस्वीर
दीवारों पर कित्रीम
मुस्कान बिखेरते
नजर आएंगी
वर्ष भर में
एक दफा
साफ की जाएंगी
धूल धकड़ को
अनायस याद आएंगी
हमारी और
फिर थोड़ी देर बाद
सब सामान्य हो जाएगा
लोग अपने कामों में
व्यस्त हो जायेंगे
सायद किसी दिन
उतार भी लिए जाओगे
दीवार से
और किसी कचरे के डब्बों में
अस्तित्व विहीन पाओगे ।
मरना ही मौत नहीं है
यादों से सफर कर
स्मृतिशेष हो जाना
बड़ी मौत है
जो जिंदा होते हुए भी
हो जाता है।
यही हकिकती दुनिया है
बाकी सब के सब
मोह-माया है।
इति
©सौरभ अश्क
#अंतिम_सत्य