Unsplash वफा आयी.......
एक दिन मुझसे मिलने वफा आयी
साथ में कोई ख्वाब लायी...
जिस पे दिल को एतबार था ्््।।
उस शख्स के ,चेहरे का नकाब लायी...
एक दिन मुझसे मिलने वफा आयी..
वफा से मैंने पुछा,, कहां तुम रहती हो???
वो पहले मुस्कुराईं,फिर पास मेरे आयी...
उसने जो कहां, सुन के मैं हैरान थी...
मुझे भी नही पता, आजकल मैं रहती कहां......
शायद तेरे जैसे किसी के दिल में....
जो किसी एक से रिश्ते निभा जाते....
टुट जाना उन्हें मंजूर होता,,
पर दगा देना,उन्हें नही आता.....
उन आशुओं से भरी, आंखों के बिच मैं रहती.....
जो सच को सामने देखकर भी....
न यकीन कर पाते, मैं उस दिल में रहती....
एक दिन मुझसे मिलने वफा आयी.......♥️✍️😊
©Jyoti Mishra
Binaa riste ke fikra hoti yadi isme rooh ya Roohaaniyat ho.bas nibhaanaa partaa,chaahe zafaa mile ya shikwaa.