मैं यह सोचता हूँ कि काश इस धरती का इंसान आज की तर | हिंदी विचार

"मैं यह सोचता हूँ कि काश इस धरती का इंसान आज की तरह पढ़ा लिखा नही होता और उसका जीवन जीने का तरीका हजारों साल पुराना होता, तो इतना तो अवश्य होता कि उसके पास परमाणु बम हाइड्रोजन बम जैसे विनाशकारी हथियार नही होते और धरती को एक ही झटके में बर्बाद करने की ताकत भी नही होती? ©Ashoka The Shayar"

 मैं यह सोचता हूँ कि काश इस धरती का

इंसान आज की तरह पढ़ा लिखा नही 

होता और उसका जीवन जीने का तरीका 

हजारों साल पुराना होता, तो इतना तो 

अवश्य होता कि उसके पास परमाणु बम 

हाइड्रोजन बम जैसे विनाशकारी हथियार  

नही होते और धरती को एक ही झटके 

में बर्बाद करने की ताकत भी नही होती?

©Ashoka The Shayar

मैं यह सोचता हूँ कि काश इस धरती का इंसान आज की तरह पढ़ा लिखा नही होता और उसका जीवन जीने का तरीका हजारों साल पुराना होता, तो इतना तो अवश्य होता कि उसके पास परमाणु बम हाइड्रोजन बम जैसे विनाशकारी हथियार नही होते और धरती को एक ही झटके में बर्बाद करने की ताकत भी नही होती? ©Ashoka The Shayar

मैं यह सोचता हूँ कि --------

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