रोज सुबह एक नई जिंदगी जीत के भी मैं हार रहा हूं.. | हिंदी Shayari

"रोज सुबह एक नई जिंदगी जीत के भी मैं हार रहा हूं... अंदर अंदर ना जाने कितने ही सपने मार रहा हूं.. सब कुछ मेरे पास है फिर भी कमी तुम्हारी आज भी है जीवन की गाड़ी में मेरी... सीट तुम्हारी आज भी है... ©Feelmywords...."

 रोज सुबह एक नई जिंदगी 
जीत के भी मैं हार रहा हूं...

अंदर अंदर ना जाने कितने ही
सपने मार रहा हूं..

सब कुछ मेरे पास है फिर भी
कमी तुम्हारी आज भी है

जीवन की गाड़ी में मेरी...
सीट तुम्हारी आज भी है...

©Feelmywords....

रोज सुबह एक नई जिंदगी जीत के भी मैं हार रहा हूं... अंदर अंदर ना जाने कितने ही सपने मार रहा हूं.. सब कुछ मेरे पास है फिर भी कमी तुम्हारी आज भी है जीवन की गाड़ी में मेरी... सीट तुम्हारी आज भी है... ©Feelmywords....

People who shared love close

More like this

Trending Topic