White तय था कहीं न कहीं मेरा और तुम्हारा मिलना..
और तय था ये बिछड़ जाना भी..
ये नियति का चक्र है हीं ऐसा..
तुम्हें तो बिछड़ना हीं था..
अपने तयसुदा रास्ते पर चलने के लिए..
और उस रास्ते पर तुम्हें मेरी जरूरत नहीं..
बस तुम बढ़ते रहो यूँ हीं..
यही तमन्ना है..
मैं कभी नहीं भूल पाऊँगा.. @iiaa
@IMUTMIA@
🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺
©इक _अल्फाज़@air
#sad_shayari