कविता का शीर्षक - मै गुमनाम क्यों नहीं हो जाता 😘
पूरी कविता by धीरज (प्रीतो)⬇️⬇️⬇️
मै गुमनाम क्यों नहीं हो जाता
मै तेरे नाम क्यों नहीं हो जाता
मै घड़ी हर घड़ी बस तुम्हे सोचता हूं
मै तेरी यादों में दफ्न क्यों नहीं हो जाता
मै तेरी जुदाई से घबराता बहुत हूं
मै इस जुदाई में मर क्यों नहीं जाता