White (दार ऐ मंसूर) कोई ग़र पूछ ले मुझे खूबसूरती | हिंदी शायरी

"White (दार ऐ मंसूर) कोई ग़र पूछ ले मुझे खूबसूरती क्या है, मैं तेरी मुलाकात के किस्से सुनाऊँगा! वो कोहे तूर से लंतरानी सुन कर , मेरा बेबाक होने का वो किस्सा सुनाऊँगा! कोई ग़र मिल गया रोता हुआ मुझको, हँसाऊँगा मनाऊँगा तेरे नौहे सुनाऊँगा! वो कोहे तूर से बस एक झलक देखी, मेरा पागल सा हो जाने का मैं किस्सा सुनाऊँगा! दार पर मंसूर को देखा अवाम ऐ खास ने "परवेज़" वो फ़ना के बाद का किस्सा मैं कैसे सुनाऊँगा! ©Written By PammiG"

 White (दार ऐ मंसूर) 

कोई ग़र पूछ ले मुझे खूबसूरती क्या है,
मैं तेरी मुलाकात के किस्से सुनाऊँगा!

वो कोहे तूर से लंतरानी सुन कर ,
मेरा बेबाक होने का वो किस्सा सुनाऊँगा!

कोई ग़र मिल गया रोता हुआ मुझको,
 हँसाऊँगा मनाऊँगा तेरे नौहे सुनाऊँगा!

वो कोहे तूर से बस एक झलक देखी,
मेरा पागल सा हो जाने का मैं किस्सा सुनाऊँगा!

दार पर मंसूर को देखा अवाम ऐ खास ने "परवेज़" 
वो फ़ना के बाद का किस्सा मैं कैसे सुनाऊँगा!

©Written By PammiG

White (दार ऐ मंसूर) कोई ग़र पूछ ले मुझे खूबसूरती क्या है, मैं तेरी मुलाकात के किस्से सुनाऊँगा! वो कोहे तूर से लंतरानी सुन कर , मेरा बेबाक होने का वो किस्सा सुनाऊँगा! कोई ग़र मिल गया रोता हुआ मुझको, हँसाऊँगा मनाऊँगा तेरे नौहे सुनाऊँगा! वो कोहे तूर से बस एक झलक देखी, मेरा पागल सा हो जाने का मैं किस्सा सुनाऊँगा! दार पर मंसूर को देखा अवाम ऐ खास ने "परवेज़" वो फ़ना के बाद का किस्सा मैं कैसे सुनाऊँगा! ©Written By PammiG

#Sad_Status#shahMansur @Ambika Jha @Saleem @p j

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