हम तो साहबजादे नेहा में इतना ही जानते थे। लेकिन मुझे नहीं पता कि पहले उन पर कितना अत्याचार किया गया था.'
#पहली यातना-परिवार से अलगाव
#दूसरी यातना- भूख भी अपने आप में एक बड़ी यातना है
#चौथा अत्याचार- गंगू ने उसकी प्रेम की पोटली लेकर उससे नाराज हो गई और मुगलों को बाहर से दरवाजा बंद करके मजबूर कर दिया।
#पंजवा अत्याचार- मारिंडा ले जाने से पहले उन्हें बोरों में बंद कर घोड़ों पर लाद दिया गया और माता गुजर जी की भुजाओं को काली मिर्च लगे कपड़े से ढक दिया गया। ईश्वर
#छठा अत्याचार- दो सरकारी अधिकारियों ने इनाम पाने के लिए साहिबजादों को टूटू डंडे से पीटा लेकिन उन्होंने इस्लाम स्वीकार नहीं किया।
#सातवीं यातना- बाद में उन्हें पेड़ से बांधकर गुलेल से मारा गया।
#आठवीं यातना- मोरिंडे से सरहिंद साहिबजादों को हथकड़ी लगाकर टोरक्वे ले जाया गया। ईश्वर
#नोवाटॉर्चर- ठंडे टॉवर में रखा गया पोह के महीनों तक पतले कपड़े तीन दिन तक भूखा रखा गया सर्दी भी एक बड़ी यातना है
#दसवीं यातना- जीवित दीवार में पहचाना जाना।
#ग्यारहवीं यातना-- चिनाई के दौरान घुटनों से ईंटें निकल रही थीं तो काजी ने कहा कि सरकारी ईंट को नुकसान मत पहुंचाओ, इनके घुटने छील दो।
#बारहवीं यातना - आधे जीवित साहिबजादे ने अपने पैर शहीदों की घुटनों पर रख दिये।
©Sanjeev0834
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