वो जो रोज़ तलक देखते हो न माशूका मेरी अरे!मत देखो | हिंदी शायरी

"वो जो रोज़ तलक देखते हो न माशूका मेरी अरे!मत देखो अंधे हो जाओगे अपनी देखो ,अपनी खोजो अरे सबकी देखोगे धंधे हो जाओगे और ये जो सफेद कमीज़ में आ गए हो हुस्न ए बाजार में इश्क खोजने इसे उतार कर आना गंदे हो जाओगे ©kavi abhiraj"

 वो जो रोज़ तलक देखते हो न
माशूका मेरी 
अरे!मत देखो अंधे हो जाओगे
अपनी देखो ,अपनी खोजो
अरे सबकी देखोगे धंधे हो जाओगे
और 
ये जो सफेद कमीज़ में आ गए हो
हुस्न ए बाजार में इश्क खोजने
इसे उतार कर आना 
गंदे हो जाओगे

©kavi abhiraj

वो जो रोज़ तलक देखते हो न माशूका मेरी अरे!मत देखो अंधे हो जाओगे अपनी देखो ,अपनी खोजो अरे सबकी देखोगे धंधे हो जाओगे और ये जो सफेद कमीज़ में आ गए हो हुस्न ए बाजार में इश्क खोजने इसे उतार कर आना गंदे हो जाओगे ©kavi abhiraj

#WoSadak

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