कैद पंछी ही नहीं होते पिजरे में , कैद वो भी होते ह | हिंदी विचार
"कैद पंछी ही नहीं होते पिजरे में ,
कैद वो भी होते है , जो चाहत रखते हो उड़ने की
पंछी के पंख़ कट के रोक सकते है उसका उड़ना
मगर याद रखना पंछी नहीं भूलते कभी उड़ना ।।"
कैद पंछी ही नहीं होते पिजरे में ,
कैद वो भी होते है , जो चाहत रखते हो उड़ने की
पंछी के पंख़ कट के रोक सकते है उसका उड़ना
मगर याद रखना पंछी नहीं भूलते कभी उड़ना ।।