पूनम की रात है
चांदनी से निखरा हुआ आकाश है।
आकाश गंगा मे झिलमिलाते सितारों सें
लगता है कि आई कोई बारात है।।
धरती से अंबर तक फैली हुई चांदनी
रह रह कर आ कर के दिल में झांकती है।
जब आंखो से गर्म आंसुओं की दो बूंदें टपकती हैं,
और प्यार की सौगात सेअभिभूत हो कर ह्रृदय से अभिनन्दन करती हैं।।
©Adv Virendra Tomar
#thelunarcycle